परिचय (Introduction)
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सितंबर 2025 में, सोने की कीमतों ने एक नया ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्थापित किया है, जिससे निवेशकों और आम जनता के बीच उत्सुकता और चिंता दोनों ही बढ़ गई हैं। भारत में, सोने की कीमत 10 ग्राम के हिसाब से 1,07,807 तक पहुँच गई है, जबकि वैश्विक बाजार में यह $3,532 प्रति औंस तक पहुँच गई है। यह वृद्धि पिछले एक महीने में लगभग 6,500 प्रति 10 ग्राम की है, जो सोने की कीमतों में एक अभूतपूर्व उछाल को दर्शाता है।

सोने की कीमतों में वृद्धि के प्रमुख कारण (Key reasons for increasing gold limits)
- वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों, जैसे कि केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता को लेकर उठाए गए सवाल, और वैश्विक व्यापार तनावों ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर आकर्षित किया है।
- केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी: विकसित और विकासशील देशों के केंद्रीय बैंक, विशेष रूप से भारत, चीन, तुर्की और पोलैंड, अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड्स से अधिक सोने की खरीदारी कर रहे हैं, जिससे सोने की मांग में वृद्धि हुई है।
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियाँ: अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना ने डॉलर को कमजोर किया है, जिससे सोने की कीमतों में वृद्धि हुई है।
- मुद्रास्फीति और डॉलर की कमजोरी: मुद्रास्फीति के बढ़ते दबाव और डॉलर की कमजोरी ने सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में प्रस्तुत किया है।
निवेशकों के लिए सलाह (Advice for alternatives)
- लाभ बुकिंग पर विचार करें: इतिहासिक उच्चतम स्तर पर निवेश करने से पहले, मौजूदा लाभ को बुक करना समझदारी हो सकती है।
- विविधता बनाए रखें: अपने निवेश पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें और सोने के अलावा अन्य संपत्तियों में भी निवेश करें।
- दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाएं: यदि आप दीर्घकालिक निवेशक हैं, तो सोने में निवेश को एक सुरक्षित विकल्प मान सकते हैं।
निवारण (Redressal)
सोने की कीमतों में यह अभूतपूर्व वृद्धि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों, केंद्रीय बैंकों की नीतियों और निवेशकों की बदलती प्राथमिकताओं का परिणाम है। हालांकि यह वृद्धि निवेशकों के लिए लाभकारी हो सकती है, लेकिन जोखिमों से बचने के लिए सतर्कता और विवेकपूर्ण निर्णय आवश्यक हैं।