भारत में सोना और चांदी सिर्फ धातुएँ नहीं हैं, बल्कि यह लोगों की भावनाओं, परंपराओं और निवेश की सुरक्षा से जुड़ी हुई संपत्ति मानी जाती हैं। खासकर त्योहारों और शुभ अवसरों पर इनकी मांग अचानक बढ़ जाती है। नवरात्रि जैसे बड़े पर्व में तो देशभर के बाजारों में सोना-चांदी खरीदने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। ऐसे में जब भी नवरात्रि या किसी खास त्योहार का समय आता है, तो सोना-चांदी के भाव में हलचल होना आम बात है।

इसी कड़ी में इस बार नवरात्रि के साथ-साथ GST (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) में हुए अपडेट्स ने भी सोने और चांदी की कीमतों को प्रभावित किया है। आइए विस्तार से जानते हैं कि किस तरह इन दोनों कारणों से बाजार में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला है और निवेशकों तथा ग्राहकों के लिए यह समय क्या मायने रखता है।

नवरात्रि का सोना-चांदी की मांग पर असर (Navratri’s Impact On Gold And Silver Demand)

भारत में नवरात्रि का पर्व शक्ति की आराधना का प्रतीक माना जाता है। इस नौ दिनों के पावन अवसर पर लोग घर में नए सामान, गहने और चांदी के सिक्के खरीदना शुभ मानते हैं। यही वजह है कि हर साल नवरात्रि के दौरान सोना और चांदी की मांग अचानक बढ़ जाती है।

जैसे-जैसे मांग बढ़ती है, वैसे-वैसे बाजार में कीमतें भी ऊपर जाने लगती हैं। ज्वैलर्स और ट्रेडर्स का कहना है कि इस बार भी नवरात्रि के पहले ही हफ्ते में चांदी के भाव में तेजी देखी गई। वहीं सोने की कीमतों में भी मजबूती बनी हुई है। चांदी का भाव जहां कई जगह 80,000 रुपये प्रति किलो के करीब पहुंच गया है, वहीं सोना 24 कैरेट श्रेणी में 62,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास बना हुआ है।

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GST अपडेट और उसका असर (GST Updates And Its Impact)

नवरात्रि के साथ-साथ GST काउंसिल द्वारा हाल ही में कुछ टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव किए गए हैं, जिसका सीधा असर कीमती धातुओं के बाजार पर पड़ा है। दरअसल, सोना और चांदी जैसे कीमती धातुओं की खरीद पर पहले से ही GST लागू है। लेकिन नए अपडेट के बाद कुछ कैटेगरी में टैक्स दरों में मामूली बदलाव हुआ है।

ट्रेडर्स का कहना है कि इस GST अपडेट के कारण थोक बाजार में कीमतें प्रभावित हुई हैं। इसका असर खुदरा ग्राहकों तक भी पहुंच रहा है। हालांकि टैक्स में बहुत बड़ा बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन फिर भी जब कीमती धातुओं की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार और मांग-आपूर्ति पर निर्भर करती हैं, तो GST जैसे कारक भी भाव को ऊपर-नीचे करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति (International Market Conditions)

सोना और चांदी के दाम केवल भारतीय बाजार से तय नहीं होते, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर इंडेक्स, कच्चे तेल की कीमत और वैश्विक अर्थव्यवस्था का असर भी इन पर पड़ता है। हाल ही में अमेरिका और यूरोप की आर्थिक नीतियों, ब्याज दरों और डॉलर की मजबूती के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी में हलचल देखने को मिली है।

जब डॉलर मजबूत होता है तो कीमती धातुएं महंगी हो जाती हैं। यही कारण है कि भारतीय रुपये की कमजोरी और डॉलर की मजबूती ने भी चांदी और सोने के भाव को ऊपर की ओर धकेला है।

निवेशकों के लिए संकेत (Signals For Investors)

सोना और चांदी हमेशा से सुरक्षित निवेश माने जाते हैं। नवरात्रि जैसे पावन अवसर पर लोग सिर्फ आभूषण या धार्मिक वस्तुएं खरीदने तक सीमित नहीं रहते, बल्कि इसे निवेश के तौर पर भी देखते हैं।

मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में चांदी में ज्यादा तेजी देखने को मिल सकती है, क्योंकि औद्योगिक मांग भी लगातार बढ़ रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर पैनल इंडस्ट्री में चांदी का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। वहीं सोना लंबे समय के निवेशकों के लिए स्थिर और सुरक्षित विकल्प बना रहेगा।

आम ग्राहकों के लिए क्या करें? (What To Do For Ordinary Customers?)

  1. बजट देखकर खरीदें – अगर आप नवरात्रि में खरीदारी करने की सोच रहे हैं तो पहले अपना बजट तय कर लें।
  2. सही शुद्धता पर ध्यान दें – सोना खरीदते समय हमेशा हॉलमार्क वाले गहने और चांदी खरीदते समय BIS मार्क का ध्यान रखें।
  3. लॉन्ग टर्म सोचें – अगर निवेश के तौर पर खरीद रहे हैं तो चांदी और सोना दोनों ही लंबे समय में बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।
  4. ऑनलाइन रेट चेक करें – किसी भी ज्वैलरी शॉप पर जाने से पहले ऑनलाइन लेटेस्ट भाव जरूर देखें, ताकि आपको सही कीमत मिले।

निवारण (Redressal)

नवरात्रि और GST अपडेट ने इस बार सोना-चांदी की कीमतों में बड़ा उतार-चढ़ाव ला दिया है। जहां एक ओर नवरात्रि की मांग ने भाव को ऊपर खींचा है, वहीं GST और अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति ने इसमें और उतार-चढ़ाव जोड़ दिए हैं।

ग्राहकों और निवेशकों के लिए यह समय सोची-समझी खरीदारी का है। अगर आप नवरात्रि में सोना-चांदी खरीदने का मन बना रहे हैं तो बाजार की स्थिति पर नजर रखें और शुद्धता से समझौता न करें।

सोना और चांदी की चमक भले ही बाजार के उतार-चढ़ाव से थोड़ी देर के लिए बदल सकती है, लेकिन भारतीय संस्कृति और निवेश की दृष्टि से इनका महत्व हमेशा बना रहेगा।