नई दिल्ली, 7 अक्टूबर 2025 –
भारत की न्यायपालिका के इतिहास में सोमवार (6 अक्टूबर 2025) का दिन बेहद चौंकाने वाला रहा, जब सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई (Chief Justice B.R. Gavai) पर एक वकील ने हमला करने की कोशिश की।
वकील ने उन पर कागज़ों का एक बंडल फेंक दिया, जिससे कोर्ट रूम में अफरातफरी मच गई।
हालांकि, जस्टिस गवई ने पूरे संयम से स्थिति को संभाला। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन कर उनकी शांति और संतुलन की सराहना की।

सुप्रीम कोर्ट में मचा हंगामा (Chaos in Supreme Court)

यह घटना सोमवार सुबह करीब 11 बजे की है, जब जस्टिस गवई एक संवेदनशील केस की सुनवाई कर रहे थे।
अचानक एक वकील उठा और चिल्लाते हुए जस्टिस गवई की ओर कागज़ों का पुलिंदा फेंक दिया।
सुरक्षा कर्मियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उस व्यक्ति को कस्टडी में ले लिया।

थोड़ी देर के लिए सुनवाई रोकी गई, लेकिन जस्टिस गवई ने कहा —

“न्यायालय भावनाओं से नहीं, तथ्यों से चलता है।”

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उनका यह बयान पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया। सोशल मीडिया पर #CJI_Gavai और #WeStandWithCJI ट्रेंड करने लगे।

प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया (PM Narendra Modi’s Reaction)

हमले की खबर मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई को फोन कर उनकी बहादुरी और संयम की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा —

“भारत के मुख्य न्यायाधीश पर हमला निंदनीय है।
न्यायपालिका लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तंभ है।
जस्टिस गवई का धैर्य पूरे देश के लिए प्रेरणा है।”

गृह मंत्रालय ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और सुप्रीम कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा शुरू कर दी गई है।

कौन हैं भारत के नए मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई? (Who is the new Chief Justice of India B.R. Gavai?)

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश हैं।
उन्होंने जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ के बाद यह पद 26 नवंबर 2024 को संभाला था।
उनका जन्म 24 नवंबर 1960 को अमरावती, महाराष्ट्र में हुआ था।

उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की और 1990 में बॉम्बे हाईकोर्ट में वकालत शुरू की।
उनके पिता रमणोहर गवई महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
जस्टिस गवई का करियर हमेशा सामाजिक न्याय, समानता और संविधान के प्रति समर्पित रहा है।

सीजेआई के रूप में जस्टिस गवई का कार्यकाल (Tenure of Justice Gavai as CJI)

सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार, किसी भी जज की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष होती है।
जस्टिस बी.आर. गवई का कार्यकाल 26 नवंबर 2024 से 23 नवंबर 2025 तक रहेगा।
अर्थात वे लगभग एक वर्ष तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवाएं देंगे।

इस दौरान उनसे न्यायपालिका में सुधार, पारदर्शिता और तकनीकी अपग्रेडेशन को लेकर बड़े कदमों की उम्मीद की जा रही है।

जस्टिस गवई के प्रमुख निर्णय (Major Judgements of Justice B.R. Gavai)

अपने न्यायिक करियर में जस्टिस गवई ने कई ऐतिहासिक मामलों में अहम भूमिका निभाई है:

  1. अयोध्या भूमि विवाद मामला (Ayodhya Verdict) – वे उस संवैधानिक पीठ का हिस्सा थे जिसने सर्वसम्मति से निर्णय सुनाया।
  2. आरक्षण संबंधी केस (Reservation Case) – उन्होंने कहा कि आरक्षण केवल समान अवसर नहीं, बल्कि ऐतिहासिक अन्याय की भरपाई है।
  3. पर्यावरण और विकास (Environment vs Development) – उन्होंने संतुलन का पक्ष लिया कि विकास जरूरी है, पर पर्यावरण की कीमत पर नहीं।
  4. महिलाओं की समानता (Women’s Equality) – उनके फैसलों में लैंगिक न्याय और समानता की झलक साफ़ दिखाई देती है।

बी.आर. गवई का धर्म क्या है? (What is the Religion of B.R. Gavai?)

जस्टिस गवई बौद्ध धर्म का पालन करते हैं।
वे डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों से गहराई से प्रभावित हैं।
उनके परिवार ने सामाजिक समानता और न्याय के लिए लंबा संघर्ष किया है।
उनका जीवन और निर्णय दोनों ही संविधान के मूल मूल्यों – न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व – पर आधारित हैं।

वकीलों और न्यायिक संस्थाओं की प्रतिक्रिया (Reactions from Bar and Judiciary)

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने घटना की कड़ी निंदा की है।
BCI अध्यक्ष ने कहा:

“यह हमला केवल एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि भारत की न्यायपालिका की गरिमा पर है।”

सुप्रीम कोर्ट परिसर की सुरक्षा अब पहले से कहीं अधिक कड़ी कर दी गई है।
सभी कोर्टरूम्स में मेटल डिटेक्टर और कैमरा निगरानी की व्यवस्था बढ़ाई गई है।

सोशल मीडिया पर समर्थन की लहर (Public Support on Social Media)

X (ट्विटर), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोगों ने जस्टिस गवई के समर्थन में पोस्ट किए।
हैशटैग #WeStandWithCJI और #JusticeForGavai पूरे दिन ट्रेंड करते रहे।
एक यूज़र ने लिखा:

“CJI Gavai ने जो धैर्य दिखाया, वही भारत की न्यायपालिका की पहचान है।”

कई वरिष्ठ वकीलों और पूर्व न्यायाधीशों ने भी कहा कि इस घटना से न्यायपालिका का आत्मविश्वास और मजबूत हुआ है।

Chief Justice Gavai Attack की जांच (Investigation into the Attack on CJI Gavai)

गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार, आरोपी वकील किसी पुराने केस के निर्णय से असंतुष्ट था।
सुप्रीम कोर्ट ने बयान जारी कर कहा —

“यह isolated incident है, अदालत के कार्य पर इसका कोई असर नहीं होगा।”

अब CBI भी मामले में शामिल हो सकती है। जांच एजेंसियों को CCTV फुटेज और चश्मदीदों के बयान सौंपे गए हैं।

लोगों द्वारा पूछे गए सवाल (People Also Ask)

 Who is the new Chief Justice of India BR Gavai?

जस्टिस बी.आर. गवई भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश हैं, जिन्होंने नवंबर 2024 में पद संभाला।

What is the tenure of justice Gavai as CJI?

उनका कार्यकाल 26 नवंबर 2024 से 23 नवंबर 2025 तक रहेगा।

What is the judgement of Bhushan Gavai?

उन्होंने अयोध्या, आरक्षण, पर्यावरण और समानता से जुड़े कई ऐतिहासिक निर्णय दिए हैं।

बीआर गवई का धर्म क्या है?

वे बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं और डॉ. अंबेडकर के विचारों से प्रेरित हैं।

सीजेआई के रूप में जस्टिस गवई का कार्यकाल कितना है?

लगभग एक वर्ष, यानी नवंबर 2025 तक।

लोकतंत्र और न्यायपालिका की गरिमा (Dignity of Democracy and Judiciary)

मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर हुआ हमला एक दुखद घटना है, लेकिन इसने यह साबित किया कि भारत की न्यायपालिका कितनी मजबूत और अनुशासित है।
जस्टिस गवई ने जिस तरह संयम और संतुलन का परिचय दिया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण बन गया।

“कानून के मंदिर में हिंसा का कोई स्थान नहीं।” – जस्टिस बी.आर. गवई

निवारण (Redressal)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन और जस्टिस गवई का संयम —
दोनों ने यह संदेश दिया कि भारत की न्याय व्यवस्था हर चुनौती से ऊपर है।
यह हमला न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाने की कोशिश थी, लेकिन इसके जवाब में मिला संयम और शांति भारत के संविधान की असली ताकत है।