Aaj Ka Panchang: भारत में हर दिन पंचांग के आधार पर शुभ-अशुभ समय, व्रत-त्योहार और पूजा-पाठ का महत्व निर्धारित होता है। पंचांग केवल तिथि और नक्षत्र की जानकारी ही नहीं देता, बल्कि यह हमारे जीवन की दिनचर्या को धर्म और ज्योतिष के अनुसार सही दिशा प्रदान करता है। 19 सितंबर 2025, शुक्रवार का दिन विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस दिन शुक्र प्रदोष व्रत पड़ रहा है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और जब यह शुक्रवार को आता है तो इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और दांपत्य संबंध मजबूत होते हैं। आइए जानते हैं इस दिन के पंचांग, शुभ मुहूर्त और व्रत-पूजा की पूरी जानकारी।

आज का पंचांग (19 सितंबर 2025) (Today’s Panchang September 19, 2025)

  • तिथि (हिंदू पंचांग अनुसार): त्रयोदशी तिथि
  • दिन: शुक्रवार
  • नक्षत्र: पूर्वाषाढ़ा
  • योग: धृति योग
  • करण: गरजण
  • सूर्योदय: प्रातः 06:08 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 06:18 बजे
  • चंद्रोदय: शाम 05:20 बजे
  • चंद्रास्त: प्रातः 04:42 बजे (अगले दिन)
  • चंद्रमा की स्थिति: धनु राशि

 राहुकाल और अन्य समय (Rahukaal And Other Times)

  • राहुकाल: प्रातः 10:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक
  • गुलिक काल: सुबह 07:30 बजे से 09:00 बजे तक
  • यमगंड काल: दोपहर 03:30 बजे से 05:00 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त: 11:50 बजे से 12:40 बजे तक

👉 राहुकाल और यमगंड काल में कोई भी शुभ कार्य आरंभ नहीं करना चाहिए। जबकि अभिजीत मुहूर्त को दिन का सबसे शुभ समय माना जाता है।

 शुक्र प्रदोष व्रत 2025 का महत्व (Significance Of Shukra Pradosh Vrat 2025)

प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। जब यह व्रत शुक्रवार को आता है तो इसे शुक्र प्रदोष कहते हैं। इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है और आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को रखने से शुक्र ग्रह की पीड़ा दूर होती है और व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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शुक्र प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व: (Religious Significance Of Shukra Pradosh Fast:)

  • दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
  • परिवार में कलह-क्लेश समाप्त होते हैं।
  • मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • स्वास्थ्य लाभ मिलता है।

 पूजा विधि (शुक्र प्रदोष व्रत) (Method Of Worship Shukra Pradosh Fast)

  1. प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग के सामने दीपक जलाएं।
  3. व्रत का संकल्प लें और दिनभर उपवास रखें।
  4. शाम को प्रदोष काल में (सूर्यास्त के बाद 45 मिनट से 1 घंटे के भीतर) शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाएं।
  5. धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
  6. शिव चालीसा या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  7. व्रत कथा सुनें और परिवार के साथ आरती करें।
  8. पूजा के बाद प्रसाद बांटें और व्रत का समापन करें।

महिलाएं इस व्रत को पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं, जबकि अविवाहित कन्याएं योग्य वर की प्राप्ति हेतु यह व्रत करती हैं।

 शुभ मुहूर्त (शुक्र प्रदोष व्रत पूजा) (Auspicious Time Vriksha Pradosh Vrat Puja)

  • प्रदोष काल पूजा का समय: शाम 06:30 बजे से 08:45 बजे तक
  • शुभ चौघड़िया:
    • सुबह: 06:08 से 07:30 तक – शुभ
    • दोपहर: 12:00 से 01:30 तक – चर
    • शाम: 05:00 से 06:18 तक – लाभ

👉 प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

 इस दिन के व्रत और त्योहार (Fasts And Festivals Of This Day)

  • शुक्र प्रदोष व्रत – भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित।
  • शुक्रवार का व्रत – देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने हेतु।
  • त्रयोदशी तिथि का विशेष महत्व – शिवपूजन, दान-पुण्य और उपवास के लिए श्रेष्ठ।

आज का ज्योतिषीय प्रभाव (Today’s Astrological Impact)

चंद्रमा का गोचर धनु राशि में हो रहा है। यह समय आध्यात्मिकता और आत्मचिंतन के लिए उत्तम है। शुक्र ग्रह के प्रभाव के कारण भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि की संभावना है। हालांकि राहुकाल और यमगंड काल में सावधानी बरतनी चाहिए।

  • मेष से कर्क राशि तक: आज कार्यक्षेत्र में सफलता के योग।
  • सिंह से वृश्चिक राशि तक: खर्चों पर नियंत्रण रखें, परिवार में सहयोग मिलेगा।
  • धनु से मीन राशि तक: दांपत्य जीवन में मिठास बढ़ेगी और शुभ समाचार प्राप्त होंगे।

निष्कर्ष (Conclusion)

19 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज का पंचांग दर्शाता है कि शुक्र प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ अवसर है। इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन सुखमय बनता है और आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं। पंचांग में बताए गए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि का पालन करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है।