परिचय (Introducción)

भारत में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने का उद्देश्य पूरे देश में कराधान प्रणाली का मानकीकरण करना था। 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले कई अप्रत्यक्ष करों को लागू किया गया, जिससे एक एकीकृत कर प्रणाली स्थापित हुई। कर प्रणाली को सरल बनाने के अलावा, जीएसटी ने एकरूपता और पारदर्शिता भी सुनिश्चित की।

हालाँकि, सभी वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य एक समान नहीं होता। सरकार ने आवश्यक वस्तुओं के लिए कम और विलासिता या हानिकारक वस्तुओं के लिए अधिक मूल्य निर्धारित किए हैं। इस अवधारणा क्रम के अनुसार, कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर 18% से 40% के बीच जीएसटी लागू होता है। ये मूल्य

आइए विस्तार से समझते हैं कि भारत में किन-किन सामानों और सेवाओं पर 18% से 40% तक का GST टैक्स लागू होता है।

18% GST वाली श्रेणी

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18% GST की दर को मानक दर कहा जाता है। अधिकतर वस्तुएं और सेवाएँ इसी दर के अंतर्गत आती हैं। यह दर मध्यम वर्ग और व्यावसायिक क्षेत्र दोनों के लिए सबसे अधिक प्रभाव डालती है।

18% GST वाली प्रमुख वस्तुएं और सेवाएँ: (Grandes bienes y servicios con 28% de GST)

  • मोबाइल फोन और सहायक उपकरण
  • रेस्तरां (AC वाले)
  • प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ
  • स्मार्ट वॉच, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स
  • ऑनलाइन स्ट्रीमिंग और डिजिटल सेवाएँ
  • हवाई यात्रा (कुछ श्रेणियों में)
  • होम अप्लायंसेज जैसे मिक्सर, ग्राइंडर, माइक्रोवेव

यह दर अधिकांश उपभोक्ताओं के खर्च को प्रभावित करती है क्योंकि ये वस्तुएं रोज़मर्रा के जीवन और मनोरंजन दोनों का हिस्सा हैं।

28% GST वाली श्रेणी

28% GST दर उन वस्तुओं और सेवाओं पर लगाई जाती है जिन्हें विलासिता की श्रेणी में रखा जाता है। यह दर अधिक है और उपभोक्ताओं पर अपेक्षाकृत बड़ा आर्थिक भार डालती है।

28% GST वाली प्रमुख वस्तुएं और सेवाएँ: (GST hasta 40%: Bienes peligrosos y de lujo)

  • लग्जरी कारें और SUV
  • एयर कंडीशनर, फ्रिज, वॉशिंग मशीन (हाई-एंड)
  • सिगरेट और तंबाकू उत्पाद (बेस टैक्स के साथ)
  • पेंट, वार्निश
  • चॉकलेट्स और कंफेक्शनरी
  • सोडा, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स
  • खेलकूद के सामान (कुछ श्रेणियाँ)

यह दर सरकार के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा प्रदान करती है और विलासिता व हानिकारक उत्पादों की खपत को नियंत्रित करने का भी काम करती है।

40% तक का GST: हानिकारक और विलासिता वस्तुएं (GST hasta 40%: Bienes peligrosos y de lujo)

भारत सरकार ने कुछ विशेष वस्तुओं पर GST को 40% तक रखा है। यह दर सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं पर नहीं लगती बल्कि उन उत्पादों पर लगती है जिनका इस्तेमाल या उपभोग समाज के लिए हानिकारक माना जाता है।

40% तक GST वाले उत्पाद:

  • सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (28% बेस टैक्स + सेस मिलाकर कुल कर 40% तक)
  • पान मसाला
  • शराब पर अप्रत्यक्ष रूप से भारी टैक्स (हालांकि यह सीधा GST के दायरे में नहीं आती, लेकिन समान संरचना लागू है)
  • लग्जरी कारों पर सेस जोड़कर कुल टैक्स 40% के करीब पहुँच जाता है

इन उच्च दरों का उद्देश्य केवल राजस्व बढ़ाना नहीं, बल्कि लोगों को इन वस्तुओं की खपत से हतोत्साहित करना भी है।

सरकार का दृष्टिकोण (Perspectiva del Gobierno)

सरकार का मानना है कि GST को इस तरह डिजाइन किया गया है कि गरीब और मध्यम वर्ग की आवश्यकताओं पर बोझ कम से कम पड़े। इसलिए आवश्यक वस्तुएं जैसे खाद्यान्न, दूध, दालें, सब्ज़ियाँ आदि या तो 0% GST या बहुत कम दर पर रखी गई हैं।
इसके विपरीत, विलासिता और हानिकारक वस्तुओं पर ऊँची दरें लगाई गई हैं ताकि:

  1. सरकार के राजस्व में वृद्धि हो।
  2. उपभोग को नियंत्रित किया जा सके।
  3. टैक्स संरचना न्यायसंगत बनी रहे।

उपभोक्ता पर प्रभाव (Impacto en el consumidor)

18% से 40% तक GST की दरें आम उपभोक्ता और व्यापारिक क्षेत्रों पर अलग-अलग प्रभाव डालती हैं।

  • मध्यम वर्ग: इलेक्ट्रॉनिक्स और सेवाओं पर 18% GST सीधे उनकी जेब पर असर डालता है।
  • युवा पीढ़ी: ऑनलाइन सेवाओं, मोबाइल गैजेट्स और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पर टैक्स अधिक होने से इनका खर्च बढ़ जाता है।
  • व्यवसायी वर्ग: विलासिता वस्तुओं पर उच्च कर होने के कारण उत्पादन और बिक्री लागत भी बढ़ती है।
  • निम्न वर्ग: इन्हें अपेक्षाकृत राहत दी गई है क्योंकि आवश्यक वस्तुएं उच्च दरों से मुक्त रखी गई हैं।

उद्योग और बाजार पर प्रभाव (Impacto en la industria y el mercado)

  • ऑटोमोबाइल सेक्टर: लग्जरी कारों पर 28% + सेस के कारण बिक्री पर असर पड़ता है।
  • एफएमसीजी सेक्टर: चॉकलेट, सॉफ्ट ड्रिंक जैसी वस्तुओं पर 28% टैक्स होने से मांग कम होती है।
  • हेल्थ सेक्टर: तंबाकू उत्पादों पर भारी टैक्स लगने से स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ सकता है क्योंकि उपभोग घटेगा।
  • कॉमर्स और डिजिटल सेवाएँ: 18% GST से इनके ग्राहकों को अधिक भुगतान करना पड़ता है।

अंतरराष्ट्रीय तुलना (Comparación internacional)

दुनिया के कई देशों में GST या VAT प्रणाली लागू है। यूरोपीय देशों में यह 15% से 25% के बीच होती है, जबकि भारत ने आवश्यक और गैर-आवश्यक वस्तुओं के बीच स्पष्ट अंतर किया है। भारत में 40% तक की दर उन वस्तुओं के लिए रखी गई है जो स्वास्थ्य और समाज दोनों के लिए हानिकारक हैं।

निवारण (Reparación)

GST ने भारत की कर प्रणाली को एक नई दिशा दी है। 18% से 40% तक की दरें इस बात को दर्शाती हैं कि सरकार ने टैक्स स्ट्रक्चर को संतुलित बनाने की कोशिश की है। आवश्यक वस्तुओं को राहत दी गई है, जबकि विलासिता और हानिकारक वस्तुओं पर ऊँची दरें लगाई गई हैं।

उपभोक्ताओं और व्यापारियों के लिए यह आवश्यक है कि वे GST दरों की जानकारी रखें ताकि सही वित्तीय योजना बनाई जा सके। जहाँ एक ओर यह कर प्रणाली सरकार को बड़े राजस्व का स्रोत प्रदान करती है, वहीं दूसरी ओर यह उपभोक्ताओं को जिम्मेदार उपभोग की ओर भी प्रेरित करती है।

अंततः, GST केवल टैक्स का साधन नहीं, बल्कि देश की आर्थिक नीतियों का प्रतिबिंब है—जहाँ संतुलन, न्याय और विकास तीनों को प्राथमिकता दी गई है।