हर गांव का एक सपना होता है कि वहां के युवा मेहनत करके अपने परिवार, गांव और समाज का नाम रोशन करें। यमुनानगर जिले के इंद्री क्षेत्र के शेरगढ़-नथोड़ी गांव में भी ऐसा ही सपना कर्मबीर के बेटे रजत से जुड़ा हुआ था। लेकिन किस्मत ने कुछ ऐसा मोड़ लिया कि पूरा गांव शोक में डूब गया। रजत की असमय मृत्यु की खबर ने न केवल उसके परिवार, बल्कि पूरे इलाके को गहरे सदमे में डाल दिया।

बचपन और सपने (Childhood and dreams)

रजत का जन्म एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। पिता कर्मबीर गांव में अपनी मेहनत और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। बचपन से ही रजत पढ़ाई में अच्छा था और खेलकूद में भी आगे रहता था। गांव के लोग बताते हैं कि रजत का स्वभाव बहुत मिलनसार था। वह हर किसी से नम्रता से बात करता और हमेशा दूसरों की मदद के लिए आगे रहता।

रजत का सपना था कि वह अच्छी पढ़ाई करके अपने माता-पिता का सहारा बने और परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाए। गांव में जब भी कोई कार्यक्रम होता, रजत हमेशा उसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता। उसका यह स्वभाव उसे सबका प्रिय बना देता।

परिवार की उम्मीदों का सहारा (Supporting family expectations)

कर्मबीर और उनका परिवार रजत से बहुत उम्मीदें लगाए हुए था। मां-बाप अक्सर कहते थे कि “रजत ही हमारे बुढ़ापे की लाठी है।” एकमात्र बेटा होने के कारण घर का हर सदस्य उससे बहुत लगाव रखता था। उसके दोस्त बताते हैं कि रजत हमेशा परिवार की खुशियों को प्राथमिकता देता और हर निर्णय में माता-पिता की राय का सम्मान करता।

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घटना का दर्दनाक मोड़ (tragic turn of events)

लेकिन बीते दिनों जो हुआ, उसने सबको हिला दिया। रजत की अचानक हुई मौत की खबर सुनकर पूरा गांव सन्न रह गया। यह घटना इतनी अचानक हुई कि किसी को विश्वास ही नहीं हुआ कि जिस बेटे को कल तक गांव की गलियों में खेलते-कूदते और दोस्तों के साथ हंसी-मजाक करते देखा गया, वह अब इस दुनिया में नहीं रहा।

रजत की मौत का कारण जो भी रहा हो, लेकिन इसने यह साबित कर दिया कि जिंदगी बेहद अनिश्चित है। एक क्षण की खुशी पलभर में मातम में बदल सकती है।

गांव में पसरा मातम (Mourning spread in the village)

रजत की मौत की खबर जैसे ही गांव पहुंची, हर घर से लोग कर्मबीर के घर की ओर दौड़े। महिलाओं ने शोक में विलाप किया और पुरुषों ने चुपचाप आंखों से आंसू बहाए। गांव के बुजुर्ग कहते हैं कि यह दुख केवल कर्मबीर परिवार का नहीं, बल्कि पूरे गांव का है।

गांव का हर व्यक्ति यही कहता दिखा कि रजत जैसा नेकदिल लड़का बहुत कम देखने को मिलता है। उसकी कमी हमेशा खलती रहेगी।

माता-पिता का बिखरा संसार (The shattered world of parents)

सबसे बड़ा सदमा रजत के माता-पिता को लगा। मां अपने लाल को खोकर बेसुध हो गईं, जबकि पिता कर्मबीर गहरे आघात में डूब गए। जिस बेटे को उन्होंने पाल-पोसकर बड़ा किया, जिसकी खुशियों के लिए दिन-रात मेहनत की, वही बेटा आज अचानक उन्हें छोड़कर चला गया।

यह दृश्य देखकर हर किसी की आंखें भर आईं। पड़ोस की महिलाएं रजत की मां को ढांढस बंधाने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन मां का दर्द शब्दों में बयान करना मुश्किल था।

दोस्तों और युवाओं में निराशा (Disappointment in friends and youth)

रजत के दोस्त बताते हैं कि वह बहुत हंसमुख था। पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी उसने कई बार अपना दम दिखाया था। दोस्तों को भरोसा था कि रजत भविष्य में जरूर कोई बड़ा मुकाम हासिल करेगा। लेकिन उसकी मौत ने उनकी उम्मीदों को तोड़ दिया।

गांव के कई युवा इस घटना से बेहद दुखी हैं। वे कहते हैं कि रजत की कमी हमेशा रहेगी। वह सबको प्रेरित करता था और दोस्ती में कभी स्वार्थ नहीं रखता था।

समाज के लिए सबक (Lessons for society)

रजत की मौत से समाज को यह सीख मिलती है कि हमें हर दिन को आखिरी समझकर जीना चाहिए। परिवार के साथ बिताए गए पल बेहद कीमती होते हैं। जीवन का कोई भरोसा नहीं, इसलिए हमें अपनों से हमेशा अच्छे संबंध बनाए रखने चाहिए।

गांव के बुजुर्गों का कहना है कि युवा पीढ़ी को रजत से प्रेरणा लेनी चाहिए। उसका सकारात्मक सोचने का तरीका, मिलनसार स्वभाव और माता-पिता का सम्मान करना हर किसी के लिए उदाहरण है।

अंतिम विदाई (last farewell)

रजत को अंतिम विदाई देने के लिए गांव में सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए। हर किसी की आंखों में आंसू थे और दिल में भारीपन। अंतिम संस्कार के दौरान वातावरण बेहद गमगीन था। हर कोई यही कह रहा था कि भगवान उसके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे।

निवारण (Redressal)

रजत की असमय मृत्यु ने यह साबित कर दिया कि जीवन कितना अनमोल है और यह कब खत्म हो जाए, कोई नहीं जानता। कर्मबीर का बेटा रजत भले ही अब हमारे बीच नहीं है, लेकिन उसकी यादें, उसका मुस्कुराता चेहरा और उसका मिलनसार स्वभाव हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेगा।

गांव का हर व्यक्ति यही दुआ करता है कि भगवान रजत की आत्मा को शांति दे और उसके माता-पिता को इस असहनीय दुख को सहने की ताकत प्रदान करे।