परिचय (Introduction)
The Taj Story: इतिहास की किताबों में ताजमहल हमेशा से ‘प्यार की निशानी’ के रूप में दर्ज रहा है — शाहजहां और मुमताज़ महल की प्रेमगाथा का प्रतीक। मगर अब बॉलीवुड की नई फिल्म “The Taj Story” इस कहानी को एक नए मोड़ पर ले जा रही है।
फिल्म में परेश रावल मुख्य भूमिका में हैं — वही परेश रावल जिन्होंने कभी दर्शकों को हंसा-हंसा कर लोटपोट किया था, अब एक गम्भीर किरदार में इतिहास की सच्चाई पर सवाल उठाते नज़र आएंगे।
31 अक्टूबर को रिलीज़ होने जा रही यह फिल्म भारतीय सिनेमा में इतिहास और कल्पना की सीमा को एक बार फिर चुनौती दे रही है। निर्देशक तुषार अमीश गोयल, जिन्होंने 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित एक काल्पनिक श्रद्धांजलि फिल्म बनाई थी, अब एक और विवादित ऐतिहासिक विषय पर लौट आए हैं।
What is the story behind Taj? / ताज के पीछे की कहानी क्या है?
फिल्म की कहानी ताजमहल के निर्माण की पृष्ठभूमि को नए नज़रिए से दिखाने की कोशिश करती है।
जहां पारंपरिक इतिहास कहता है कि शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में यह स्मारक बनवाया था, वहीं “The Taj Story” यह दावा करती है कि ताजमहल के पीछे एक छिपा सच है, जिसे सदियों से दबाया गया।
परेश रावल का किरदार एक ऐसे बुज़ुर्ग इतिहासकार का है जो सरकार और समाज दोनों के सामने इतिहास के दस्तावेज़ों को चुनौती देता है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे राजनीतिक हितों, धार्मिक मान्यताओं और सत्ता संघर्षों ने भारत की सांस्कृतिक विरासत को प्रभावित किया।
कहानी में रोमांच, रहस्य और भावनाओं का मिश्रण है — एक ऐसी खोज जो ताजमहल के मायने ही बदल सकती है।

Is The Taj Story real? / ताज की कहानी असली है?
यह शायद फिल्म को लेकर सबसे बड़ा सवाल है — क्या “The Taj Story” किसी असली घटना पर आधारित है?
निर्देशक तुषार गोयल ने फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के दौरान कहा,
“हम इतिहास नहीं बदल रहे, बस उस पर सवाल उठा रहे हैं। हर कहानी के कई पहलू होते हैं — हमने उनमें से एक को दिखाया है।”
फिल्म के क्रेडिट में साफ़ तौर पर लिखा है: “Inspired by true events” यानी यह पूरी तरह वास्तविक नहीं, बल्कि कुछ ऐतिहासिक तथ्यों और कथाओं का मिश्रण है।
इतिहासकारों के बीच पहले से ही इस फिल्म को लेकर बहस छिड़ चुकी है। कुछ इसे ‘कला की स्वतंत्रता’ बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने का प्रयास मान रहे हैं।
What is the plot of The Taj Story? / What is the story of The Taj Story?
फिल्म की कहानी आधुनिक भारत में रहने वाले प्रोफेसर अमरनाथ शर्मा (परेश रावल) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी उम्र के आखिरी वर्षों में एक ऐसा शोध कर रहे हैं जिससे देश हिल सकता है।
उनका दावा है कि ताजमहल वास्तव में किसी अन्य शासक काल का मंदिर था, जिसे बाद में बदला गया।
कहानी में जब अमरनाथ अपने निष्कर्षों को सार्वजनिक करते हैं, तो राजनीतिक और धार्मिक संगठनों से उन्हें विरोध झेलना पड़ता है। मीडिया उन्हें “झूठा इतिहासकार” कहता है, जबकि कुछ युवा उनकी बात को सच मानकर उनके समर्थन में उतर आते हैं।
फिल्म में दिखाया गया संघर्ष सिर्फ इतिहास का नहीं, बल्कि सत्य और सत्ता के बीच की लड़ाई है।
कहानी में एक महिला पत्रकार (श्रिया पिलगांवकर द्वारा निभाया गया किरदार) अमरनाथ की मदद करती है — और धीरे-धीरे सच्चाई का परत-दर-परत खुलासा करती है।
ताज की कहानी असली है? / Is The Taj Story based on facts?
इस सवाल का जवाब खुद परेश रावल ने प्रमोशन के दौरान दिया:
“हम फिल्म बना रहे हैं, डॉक्यूमेंट्री नहीं। मगर इसका मतलब यह नहीं कि सवाल पूछना अपराध है। ताजमहल का इतिहास जितना सुंदर है, उतना ही रहस्यमयी भी।”
इतिहासकारों के मुताबिक, ताजमहल का निर्माण 1632 में शाहजहां ने करवाया था, और 1653 में यह पूरा हुआ। लेकिन फिल्म यह दिखाती है कि इस जगह का अस्तित्व पहले से था — एक पुराना ढांचा, जिसे नया रूप देकर ‘ताजमहल’ कहा गया।
भले ही यह विचार विवादित हो, लेकिन फिल्म दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है — क्या हमने इतिहास को वैसा ही स्वीकार किया जैसा हमें बताया गया, या उसमें कुछ छिपा रह गया?
Performance: Paresh Rawal shines in a serious avatar
परेश रावल की यह परफॉर्मेंस उनके करियर के सबसे यादगार रोल्स में गिनी जा सकती है।
उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति की भूमिका निभाई है जो सच बोलने की कीमत जानता है।
उनकी आंखों में दृढ़ता, आवाज़ में कंपकंपी और चेहरे पर उस सच्चे शोधकर्ता की थकान — सब मिलकर फिल्म को जीवंत बनाते हैं।
फिल्म में उनका संवाद,
“सत्य को मिटाना आसान है, पर इतिहास का सच लौट आता है,”
पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।
श्रिया पिलगांवकर और अनुप्रिया गोयंका के किरदार भी कहानी में भावनात्मक गहराई लाते हैं।
Direction, Music and Cinematography
तुषार अमीश गोयल का निर्देशन इस बार अधिक परिपक्व नज़र आता है।
उन्होंने फिल्म को न तो पूरी तरह धार्मिक बनाया है, न ही राजनीतिक।
कैमरा वर्क में आगरा, फतेहपुर सीकरी और पुराने दिल्ली के हिस्सों को बड़े ही खूबसूरत ढंग से दिखाया गया है।
बैकग्राउंड म्यूज़िक रहस्य को और बढ़ाता है — हर दृश्य में एक अनजाना डर, एक अनकही सच्चाई महसूस होती है।
गीतों की बात करें तो संगीतकार अमित त्रिवेदी का काम शानदार है। खासकर गीत “Raaz-e-Taj” दर्शकों को फिल्म की आत्मा से जोड़ देता है।
Public Reactions & Controversy
फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ होते ही सोशल मीडिया पर दो तरह की प्रतिक्रियाएँ सामने आईं।
कुछ लोगों ने कहा — “इतिहास से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए,”
वहीं कुछ ने इसे “साहसी प्रयोग” बताया।
Twitter (अब X) पर #TheTajStory ट्रेंड कर रहा है,
जहां एक यूज़र ने लिखा:
“अगर ताजमहल के पीछे कोई और कहानी है, तो उसे सुनना भी जरूरी है।”
जबकि एक अन्य ने कहा:
“इतिहास को मनोरंजन का साधन बनाना सही नहीं।
Release Date and Expectations
“The Taj Story” 31 अक्टूबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी।
फिल्म की रिलीज़ से पहले ही इसने बहस, जिज्ञासा और विवाद — तीनों पैदा कर दिए हैं।
माना जा रहा है कि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर मजबूत ओपनिंग ले सकती है, खासकर इतिहास और रहस्य पसंद करने वाले दर्शकों के बीच।

निवारण (Redressal)
“The Taj Story” केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि “सवाल करने की हिम्मत” है।
यह उन कहानियों में से एक है जो दर्शकों को सिनेमा हॉल से बाहर निकलने के बाद भी सोचने पर मजबूर करती हैं।
चाहे फिल्म सच्ची हो या काल्पनिक, एक बात तय है —
इतिहास को देखने का नज़रिया अब पहले जैसा नहीं रहेगा।
FAQs Section (for SEO and Readers)
What is the story behind Taj?
फिल्म दिखाती है कि ताजमहल के पीछे एक छिपा सच है — जो पारंपरिक इतिहास से अलग है।
Is The Taj Story real?
यह फिल्म “inspired by true events” है, यानी कुछ वास्तविक तत्वों पर आधारित, लेकिन पूरी तरह सत्य नहीं।
What is the plot of The Taj Story?
कहानी एक प्रोफेसर की है जो ताजमहल की सच्चाई खोजने की कोशिश करता है और इसके लिए समाज और सत्ता से टकराता है।
ताज के पीछे की कहानी क्या है?
फिल्म में दिखाया गया है कि ताजमहल पहले किसी और स्थापत्य का हिस्सा था जिसे बाद में बदला गया।
ताज की कहानी असली है?
फिल्म वास्तविकता और कल्पना का मिश्रण है — दर्शकों पर छोड़ दिया गया है कि वे क्या मानते हैं।