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करवा चौथ की तिथि कब है?
When Is The Date Of Karva Chauth: करवा चौथ भारत और अन्य देशों में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह खासतौर पर विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए करती हैं। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रमा दिखने तक उपवासी रहती हैं। करवा चौथ का पर्व प्रत्येक वर्ष बदलते हुए तिथि पर मनाया जाता है, क्योंकि यह हिंदू पंचांग (चंद्र आधारित कैलेंडर) के अनुसार मनाया जाता है। करवा चौथ की तिथि सामान्यत: अक्टूबर और नवम्बर के बीच पड़ती है, और यह पूर्णिमा के बाद चौथे दिन होती है।
करवा चौथ क्या है?
करवा चौथ एक विशेष उपवासी व्रत है जिसे मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। “करवा” का मतलब है एक मिट्टी का पात्र, और “चौथ” का अर्थ है चौथा दिन। यह पर्व मुख्य रूप से हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक माह की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले सर्गी नामक विशेष भोजन करती हैं और फिर सूर्योदय से लेकर चंद्रमा दिखने तक उपवासी रहती हैं। शाम को चंद्रमा की पूजा करने के बाद, महिलाएं अपने पति से जल ग्रहण करती हैं और व्रत समाप्त करती हैं।
करवा चौथ की तिथि: चंद्र कैलेंडर का महत्व

करवा चौथ की तिथि हर साल बदलती है, क्योंकि यह हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर सौर कैलेंडर से अलग होता है और यह चंद्रमा की गति के आधार पर चलता है। करवा चौथ, पूर्णिमा के बाद चौथे दिन कार्तिक माह में मनाया जाता है। कार्तिक माह अक्टूबर और नवम्बर के बीच आता है, इसलिए करवा चौथ की तिथि भी हर साल बदलती रहती है।
इसका मतलब है कि करवा चौथ की तिथि निश्चित नहीं होती, और यह हर साल के पंचांग के अनुसार निर्धारित की जाती है।
करवा चौथ की तिथि जानने के उपाय
यदि आप जानना चाहते हैं कि करवा चौथ कब है, तो इसके लिए कुछ आसान तरीके हैं:
- कार्तिक माह की पूर्णिमा देखें: करवा चौथ, पूर्णिमा के बाद चौथे दिन मनाया जाता है। इसलिए, सबसे पहले आपको कार्तिक माह की पूर्णिमा की तिथि जाननी होगी।
- पंचांग या अल्मनाक का उपयोग करें: पंचांग या हिन्दू कैलेंडर में हर वर्ष की तिथियों का उल्लेख होता है, जिसमें सभी प्रमुख त्योहारों की तिथियां दी जाती हैं। आप किसी भी ऑनलाइन पंचांग से करवा चौथ की तिथि देख सकते हैं।
- ऑनलाइन टूल्स का उपयोग करें: इंटरनेट पर बहुत सारे वेबसाइट्स और ऐप्स हैं, जहां आप साल दर साल करवा चौथ की तिथि देख सकते हैं। बस “Karva Chauth date 2025” या “Karva Chauth date 2026” जैसे शब्दों से सर्च करें।
करवा चौथ 2025 और 2026 की तिथियां

यहां 2025 और 2026 में करवा चौथ की तिथियां दी जा रही हैं:
- करवा चौथ 2025: 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।
- करवा चौथ 2026: 28 अक्टूबर 2026 को मनाया जाएगा।
इससे यह स्पष्ट है कि करवा चौथ की तिथि हर साल बदलती रहती है, और कभी यह अक्टूबर में होती है, तो कभी नवम्बर में।
करवा चौथ की पूजा और व्रत
करवा चौथ के दिन विवाहित महिलाएं एक दिन का उपवासी व्रत करती हैं। इस दिन की प्रमुख पूजा और व्रत का तरीका निम्नलिखित है:
- सर्गी का आयोजन: करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले महिलाएं अपने सास से सर्गी प्राप्त करती हैं, जो आमतौर पर फल, मिठाइयां, ड्राई फ्रूट्स और अन्य पौष्टिक भोजन से भरी होती है। यह भोजन पूरे दिन के उपवास के लिए ऊर्जा प्रदान करता है।
- पूरे दिन का उपवास: इसके बाद महिलाएं पूरे दिन बिना कुछ खाए-पीए उपवासी रहती हैं। इस दिन वे पूजा, भजन-कीर्तन और कथा सुनने के लिए घर में या फिर अन्य महिलाओं के साथ एकत्र होती हैं।
- चंद्रमा पूजा: शाम को जब चंद्रमा निकलता है, महिलाएं चंद्रमा को एक छलनी से देखती हैं और फिर उसकी पूजा करती हैं। इसके बाद वे अपने पति से जल ग्रहण करती हैं और व्रत समाप्त करती हैं।
- पति-पत्नी का प्रेम: करवा चौथ का उद्देश्य सिर्फ पति की लंबी उम्र के लिए नहीं, बल्कि यह दोनों के बीच प्रेम और विश्वास को मजबूत करने का भी एक अवसर है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं और यह पर्व उनके रिश्ते को और भी गहरा बनाता है।
करवा चौथ का महत्व

करवा चौथ का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक पर्व भी है। इस दिन महिलाएं एक दूसरे के साथ मिलकर अपनी दुआओं का आदान-प्रदान करती हैं और एकजुटता का प्रतीक होती हैं। साथ ही, यह व्रत पति और पत्नी के बीच के प्रेम और विश्वास को मजबूत करने का भी एक माध्यम है।
कुछ क्षेत्रों में तो यह भी देखा जाता है कि पुरुष भी करवा चौथ पर व्रत रखते हैं और अपनी पत्नियों की लंबी उम्र के लिए उपवास रखते हैं, जिससे यह पर्व दोनों के रिश्ते को और भी सशक्त बनाता है।
निष्कर्ष
अंत में, करवा चौथ एक ऐसा पर्व है जो प्यार, समर्पण और विश्वास की भावना को बढ़ावा देता है। यह हर साल चंद्र कैलेंडर के अनुसार बदलता रहता है, लेकिन इसकी भावना हर बार समान रहती है—एक विवाहित महिला अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती है। चाहे करवा चौथ की तिथि हर साल बदलती हो, इस दिन का महत्व और उसकी पूजा की विधियां सदैव एक जैसी रहती हैं। यह दिन रिश्तों में नयापन लाने, परिवार को जोड़ने और प्रेम को बढ़ाने का अवसर है।